नश्वर शरीर में रहते हुए अपने शाश्वत स्वरूप को जान लो । इसके लिए अपने अहं का त्याग जरूरी है । यह जिसको आ गया, साक्षात्कार उसके कदमों में है । Suvichar Suvichar Print 234 Rate this article: 4.0 Please login or register to post comments.