जवान बोलते हैं की जिन्दगी मजा लेने के लिए है और बुजुर्गलोग बोलते हैं की जिन्दगी दुःखों का घर है | वास्तव में वह न मजा लेने केलिए है आयर न दुःखों का घर है | जिन्दगी है जीवनदाता को पहचानने के लिए, जिन्दगी के रहस्य को जानने केलिए | सुविचार सुविचार Print 112 Rate this article: No rating Please login or register to post comments.