Sada Diwali (Hindi) सदा दिवाली (हिन्दी) E-store हर व्यक्ति की चाह होती है सदा सुखी रहने की, सदा खुश रहने की । इस माँग की पूर्ति आत्मज्ञानी महापुरुषों के अमृत-उपदेश से ही सम्भव है । ‘सदा दिवाली’ पुस्तक में संत श्री आशारामजी बापू के अमृत-वचनों का संकलन है, जिनका आदरपूर्वक मनन कर आप भी अपने जीवन में हररोज दिवाली, हरक्षण दिवाली मना सकते हैं । इस सत्साहित्य में है :* नूतनवर्ष के प्रथम दिन करने योग्य कार्य* फिर तो आपकी सदा दिवाली...* लक्ष्मीजी का वाहन उल्लू हमें क्या संकेत देता है ?* नवप्रभात में आत्म-प्रसाद का ऐसे करें पान* कार्य को सफल बनाने की युक्ति* सुखी रहना हो तो किन लोगों से वैर-विरोध नहीं करना चाहिए ?* जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए पालनीय शास्त्रीय नियम* व्यवहार और परमार्थ सुधारने का उत्तम मार्ग क्या है ?* भारत की अध्यात्मविद्या एवं संस्कृति की महानता के आगे पाश्चात्य हुआ शरणागत* जिंदगी में तू किसीके काम आना सीख ले...* ईसाईयत के प्रचारक ने हिन्दू धर्म की महिमा समझी तो स्वयं हिन्दू बन गया* भौतिकवाद, विलासी जीवन से कैसे छुटकारा पायें ?* बेचारे, कंगाल और गरीब कौन और सबसे सुखी कौन ?* अब जरा अपने आत्मा में आराम पाओ* इसे पायें और महान हो जायें* आपका परम मंगल और पूर्ण कल्याण किसमें है ?* सदा के लिए अज्ञानांधकार कैसे मिटे ?* आत्मारामी वायस की आत्मानुभव सम्पन्न बातें* ब्रह्मज्ञानी सच्चे हितैषी है !* मनी आज अच्छी दिवाली हमारी (काव्य) Previous Article Purusharth Param Dev (Hindi) Next Article Sanskar Darshan (Hindi) Print 61 Rate this article: No rating Please login or register to post comments.