Prasad (Hindi) प्रसाद (हिन्दी) ISBN (Paper Back):978-93-90306-52-7 ISBN (E-Book):978-93-90306-53-4 E-store जीवन में आप जो कुछ करते हैं उसका प्रभाव आपके अंतःकरण पर पड़ता है । कोई भी कर्म करते समय अपने जीवन पर होनेवाले उसके परिणाम को सूक्ष्मता से निहारना चाहिए । ऐसी सावधानी से ही हम अपने मन व इन्द्रियों को नियंत्रित कर बुद्धि को सत्यस्वरूप आत्मा-परमात्मा में प्रतिष्ठित कर सकेंगे । आत्मनिरीक्षण के लिए कसौटीरूप दस बातें ‘प्रसाद’ पुस्तक में वर्णित हैं, जिनके द्वारा अपने जीवन को परिशुद्ध करके अपने-आप को महान बनाया जा सकता है ।इस पुस्तक में है :* साहित्य कौन-सा पढ़ें कि हर क्षेत्र में बनें उन्नत ?* खान-पान कैसा हो कि मजबूत बने बुद्धि व मन ?* संग कैसा हो कि खिल उठे जीवन ?* कहाँ रहें कि मिट जायें द्वंद्व ?* समय कैसा बितायें जिससे व्यर्थ न हो जीवन ?* किसकी लें शरणागति एवं मार्गदर्शन ?* किसका करें ध्यान-चिंतन ?* कैसा करें अभ्यास जिससे सुधरे दैनिक जीवन ?* कैसे हों संस्कार कि मिले दिव्य आनंद ?* गुरु-प्रसाद की सुरक्षा का कैसे रखें विशेष ध्यान ? Previous Article Prabhu Rasmay Jivan (Hindi) Next Article Prerna Jyot (Hindi) Print 53 Rate this article: No rating Please login or register to post comments.