काम, क्रोध, लोभ में आकर मैंने कई अयोग्य व्यवहार किये है। क्या मुझे ईश्वर प्राप्ति हो सकती है Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 8473 Article rating: 4.0 Read more
क्या गृहस्थी बहने ईश्वरप्राप्ति के लिए ॐकार की १२० माला कर सकती है ? Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 6841 Article rating: 3.4 Read more
गुरुदेव से सीधा संबंध किस तरह बनाये ? गुरूजी से किस तरह मानसिक बातचीत करे ? Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 6365 Article rating: 3.9 पूज्य बापूजी :~ ध्यानमूलं गुरोमूर्ति: ... Read more
गुरुदेव की सेवा किसे कहते है और कैसे करे ? Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 9757 Article rating: 3.9 Read more
परमात्मप्राप्ति में नियमो का पालन जरुरी है कि सिर्फ परमात्मा के प्रति तड़प बढ़ाने से ही परमात्मप्राप्ति हो सकती है Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 49378 Article rating: 3.8 Read more
पूज्य बापूजी ! ईश्वरप्राप्ति हमारा लक्ष्य है लेकिन व्यवहार में हम भूल जाते है और भटक जाते है। कृपया व्यवहार में भी अपने लक्ष्य को सदैव याद रखने की युक्ति बताये। Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 7044 Article rating: 3.1 Read more
हरि ॐ ! मन एक होते हुए भी बुद्धि,चित्, अहंकार किस प्रकार होते हैं ,कायके लिए होता है ? Admin / Sunday, April 16, 2017 0 10436 Article rating: 3.7 Read more
जगत है ही नहीँ, उसका अनुभव आत्मा को होता है या अहंकार को होता है ? Admin / Sunday, April 16, 2017 0 7734 Article rating: 4.1 पूज्य बापूजी : जगत है भी, जैसे सपना दिख रहा है उस समय सपना है ; ये जगत नहीँ है ऐसा नहीँ लगता । जब सपने में से उठते हैं तब लगता है कि सपने की जगत नहीँ हैं । ऐसे ही अपने आत्मदेव में ठीक से जगते हैं तो ,फिर जगत की सत्यता नहीँ दिखती ; तो बोले जगत नहीँ हैं । Read more
माया का स्वरुप क्या है और माया से कैसे बचना चाहिए ? Admin / Sunday, April 16, 2017 0 12132 Article rating: 3.8 Read more
humari seva niswarth hai ya wahwahi ke liye ho rahi a iska pata kaise chalega? Admin / Sunday, June 2, 2013 0 2162 Article rating: No rating hariomji , humari seva niswarth hai ya wahwahi ke liye ho rahi a iska pata kaise chalega? Read more
Pujya Guruji aap ke satsang shivir me jakar aane ke bad kuch din tak acha prabhav rahta hai ise sada kase banaye rakhe? Admin / Sunday, June 2, 2013 0 2626 Article rating: No rating Pujya Guruji aap ke satsang shivir me jakar aane ke bad kuch din tak acha prabhav rahta hai ise sada kase banaye rakhe? Read more
Padhai mei man nahin lagta kya kare? Admin / Sunday, June 2, 2013 0 25160 Article rating: No rating Study me man nahi lagta Gurudev ka sumran,dhyan,bhajan,satsang isme jyada man lagta hai Read more
How to obtain Saraswatya mantra diksha? Admin / Sunday, June 2, 2013 0 465 Article rating: No rating Guruji I wanted a saraswati mantra diksha from you. I want to excel in my studies. Im surprised to see so much miracles and blessings you are showering upon your followers Read more
Sandhya Vandan kaise aur kab karein? Admin / Saturday, February 2, 2013 0 2733 Article rating: 4.0 Sandhya Vandan kaise aur kab karein? Read more
आत्मचिंतन कैसे करना चाहिए ? आत्मसाक्षात्कार हो जाने पर पूरी दुनिया कैसी लगती है ? Admin / Tuesday, May 9, 2017 0 9705 Article rating: 2.3 Read more
निद्रा का व्यवधान क्यों होता है और उसका निराकरण कैसे होता है प्रभु ? Admin / Sunday, April 16, 2017 0 4739 Article rating: 4.3 श्री हरि प्रभु ! चालू सत्संग में जब मन निःसंकल्प अवस्था में विषय से उपराम होकर आने लगता है ,तो प्रायः निद्रा का व्यवधान क्यों होता है और उसका निराकरण कैसे होता है प्रभु ? Read more
ध्यान के समय कैसा भाव होना चाहिए ? Admin / Saturday, March 10, 2012 0 7702 Article rating: No rating ध्यान के समय कैसा भाव होना चाहिए ? करता भाव या द्रष्टा भाव ? Read more
ध्यान की अवस्था में कैसे पहुंचे ? अगर घर की परिस्थिति उसके अनुकूल न हो तो क्या करे ? Admin / Sunday, March 4, 2012 0 2817 Article rating: No rating ध्यान की अवस्था में कैसे पहुंचे ? अगर घर की परिस्थिति उसके अनुकूल न हो तो क्या करे ? Read more
भगवन् ! सम्पूर्णतः नष्ट हुई अविद्या का फिर उदय कैसे होता है ? स्रोतः ऋषि प्रसाद, जनवरी 2017, पृष्ठ संख्या 24,25 अंक 289 Admin / Sunday, November 12, 2017 0 8571 Article rating: 3.3 Read more
गुरुदेव ! सदा और सर्व अवस्थाओ में अद्वैत की भावना करनी चाहिए पर गुरु के साथ अद्वैत की भावना कदापि नही करनी चाहिए - ऐसा जो कहा गया है उसका रहस्य समझाने की कृपा करें। Admin / Sunday, July 16, 2017 0 7318 Article rating: 4.2 1 दिसंबर 2010 निरंतर अंक - 216 Read more
गुरुदेव ! ईश्वर की तरफ जाने की छटपटाहट तो मन मे है पर मन की चंचलता नही जाती। ऐसे में क्या करे कि ईश्वर की तरफ बढ़ चले ? Admin / Sunday, July 16, 2017 0 4283 Article rating: 4.3 1 दिसंबर 2010 निरंतर अंक - 216 Read more
बापूजी ! मैं स्वासोच्छवास में सुमिरन करना चाहती हूँ लेकिन वह मुझसे होता नही है। मैं बहुत कोशिश करती हूँ। कृपया आप कुछ करे। Admin / Sunday, July 16, 2017 0 3392 Article rating: 4.3 1 फरवरी 2012 अंक - 230 Read more
गुरुदेव ! सबकुछ जानते हुए भी मन में संशय उत्पन्न हो जाता है Admin / Sunday, July 16, 2017 0 4906 Article rating: 4.3 1 जनवरी 2011 अंक - 217 प्रश्न :- गुरुदेव ! सबकुछ जानते हुए भी मन मे संशय उत्पन्न हो जाता है। पूज्य बापूजी :- सब कुछ क्या जानते है ? प्रश्नकर्ता :- जैसे कोई सही चीज हो तो उसके विषय मे मन में द्वंद उत्पन्न होने लगता है कि यह ऐसा है कि ऐसा है ? Read more
Admin / Sunday, November 12, 2017 / Categories: QA with other saints ब्रह्म का साक्षात्कार किसको होता है ? - पूज्यश्री -घाट वाले बाबा प्रश्नोत्तरी भाग ३ घाट वाले बाबाजी : तो चलो अब अद्वितीय में चले जाओ | आपका ज्ञान पक्का हो गया है | बापूजी :अद्वितीय में चले जाओ क्या, अद्वितीय तो है ही है, जाना-आना | घाट वाले बाबाजी : ठीक है, अद्वितीय है | बापूजी : हाँ तो जो ब्रह्म हो गया, साक्षात्कार हो गया उसके बाद तो दुसरे लोग मानते हैं | घाट वाले बाबाजी : ब्रह्म किसको साक्षात्कार होता है ? ब्रह्म का साक्षात्कार किसको होता है ? बापूजी : चिदाभास को | घाट वाले बाबाजी : चिदाभास क्या होता है ? बापूजी : चिदाभास होता है अंतर कर्ण में आया हुआ उसका आभास मात्र | घाट वाले बाबाजी : हमारी छाया जो है हमको जान लेगा ? बापूजी : छाया जाने तो क्या, छाया देह को मैं मानती है | और जान लेगा के मैं छाया ही हूँ | स्वरूप की तरफ लीन हो जाएगी | घाट वाले बाबाजी : चलो तो फिर ज्ञान हो गया चलो फिर | बापूजी : हो गया ज्ञान, तो लड्डू बाँटो फिर | ज्ञानी के समीप कोई श्रद्धा-भक्ति से जिज्ञासु बैठेगा उसके संशय नाश होने लगेंगें | शान्ति आने लगेगा | तुम तसल्ली ना दो, सिर्फ बैठे ही रहो, महेफिल का रंग बदल जायेगा गिरता हुआ दिल भी सम्भल जायेगा | जो काम में, लोभ में, चिंता में | घाट वाले बाबाजी : सम्भल गया तो जाओ फिर आराम करो | बापूजी : आराम कहाँ करना है, आराम राम में ही है | और आराम कहाँ संसार में तो झख मारना है | सत्संग छोड़ कर कहीं जायेंगें तो झख मारेंगें, मेरा-तेरा, हाय-घोड़ा | जितनी घड़ियाँ संतों के चरणों में रह जाएँ उतना अच्छा है | घाट वाले बाबाजी : फिर चरण में रहने की इच्छा बनी है | बापूजी : भई अभी इच्छा बनी है तो साधकों को तो इच्छा रखनी ही है | घाट वाले बाबाजी : साधक क्यों रहे अपने को संत क्यों नहीं मानता ? बापूजी : अब संत माने तो ठीक है घाट वाले बाबाजी : मानने में क्या है? साधक मानता हूँ तो संत मान ले अपने को | दृष्टा हूँ | बापूजी : देखो जी जी तो बात ऐसा हुआ के पेट में भूख हो और बाहर अन्न का लेप कर दो | घाट वाले बाबाजी : ये बाहर-भीतर का भेद नहीं है | बापूजी : हाँ, अंदर तृप्ति नहीं है और अपने को मान लेते जो | घाट वाले बाबाजी : चलो फिर ज्ञान हो गया है, थोडा क्या ? ज्ञान थोडा नहीं, होता है तो पूरा ही होता है | बापूजी : आभास ज्ञान होता है ना | फिर दृढ़ ज्ञान होता है | घाट वाले बाबाजी : ज्ञान सदा ही दृढ़ है, अदृढ़ होता ही नहीं कभी | बापूजी : क्यों ? अद्रिधिड्म हतम ज्ञानम, प्रमादे हतम शुतम | श्रुति कहती है | घाट वाले बाबाजी : श्रुति का क्या ? श्रुति सदा ही अद्वेत है, सदा ही शांत है, सदा ही निर्भय है, सदा ही प्रसन्न है, कभी उसमें द्वेत हुआ ही नहीं | अद्वेत भी नहीं है वो | कुछ भी नहीं है वो | बापूजी : दृष्टा भी नहीं है वो | घाट वाले बाबाजी : दृष्टा भी नहीं है वो, दृश्य भी नहीं है वो, जो है सो है | बापूजी : क्या है फिर ? घाट वाले बाबाजी : बस, जो है सो है | वो समझ के परे है | जो समझ से परे है उसको कैसे समझायेंगें ? बापूजी : समझ से परे है तो आपने कैसे पा लिया उसको ? घाट वाले बाबाजी : हमने क्या पा लिया ? बापूजी : आपने कैसे जान लिया वो समझ से परे है ? घाट वाले बाबाजी : वो श्रुति कह रही है वो समझ से परे है | बापूजी : तो श्रुति ने कैसे जाना ? घाट वाले बाबाजी : श्रुति ने देखा होगा | बापूजी : श्रुति किसको बोलते हैं ? घाट वाले बाबाजी : वेद को | बापूजी : वेद तो शास्त्र में, किताबों में छपे हुए अक्षर हैं | घाट वाले बाबाजी : अक्षर भी अनादी हैं | बापूजी : वो अक्षर आये कैसे ? घाट वाले बाबाजी : ज्ञान अनादी है | बापूजी : वो प्रकट कैसे हुए ? घाट वाले बाबाजी : लिख लिया तो प्रकट हो गया | है तो अनादी | बापूजी : लिखा तो कौन ? घाट वाले बाबाजी : लेखकों ने लिखा है | बापूजी : हाँ तो लेखक तो सृष्टि में हुए | घाट वाले बाबाजी : सृष्टि में लिखा गया, बेसृष्टि में कहाँ हैं? बापूजी : हाँ तो सृष्टि में लिखा गया तो सृष्टि के पार के बात उनको क्या पता? घाट वाले बाबाजी : लिखा गया सृष्टि में तो पार की बातें नहीं लिखा जाता ! यहाँ बैठ के अमदाबाद की बात कोई लिख दे तो ! कहा के अमदाबाद तो थे नहीं, कैसे लिख दिया ! बापूजी : अमदाबाद तो ऐहिक हैं न, वो तो सृष्टि के पहले था .. घाट वाले बाबाजी : अमेरिका के बात कोई यहाँ करे तो ! कैसे कर दिया ? अमेरिका का हैं वो ? बापूजी : अमेरिका के सुनी हुई बात हैं कोई देख के आये हैं | खोंजा हैं न, देखो कोलोम्बास ने अमेरिका को देख लिया खोज लिया, बाद में तो लिखा न अमेरिका का | जब आज से ढाई सौ। … घाट वाले बाबाजी : तो श्रुति ने देखा होगा, तभी तो लिखा | बापूजी : श्रुति तो किताब को बोलते हैं न ! शास्त्र को ! घाट वाले बाबाजी : जब किताब नहीं था तब क्या था? बापूजी : वहीं मैं पूछने आया हूँ | घाट वाले बाबाजी : श्रुति ! श्रुति मने सुना हुआ | पहले सुनते थे लोग, लिखा नहीं जाता था | अब लिखे पड़े का कला प्रकट हो गया तो लिखे पड़े में आ गया | बापूजी : श्रुति मने सुना हुआ | अच्छा सुना हुआ परम्परा गत सुनते आये हैं | जिसने देखा उसने दुसरे को सुनाया तीसरे को सुनाया | तो काल करके उसमे और भी कचरा पट्टी आ गया होगा ! जब सुना हुआ हैं तो एक ने दुसरे से सुना दुसरे ने तीसरे से, चौथे से…. ऐसे हजारों … घाट वाले बाबाजी : आप भी सुन लिया न ! बापूजी : क्या हैं? घाट वाले बाबाजी : आप नहीं सुना अभी ! बापूजी : हाँ | घाट वाले बाबाजी : इतना सुनाया तब सुना नहीं। बापूजी : सुना | घाट वाले बाबाजी : तो फिर ! बापूजी : लेकिन सुना हुआ में तो देखो, अनादि बात जो है न सुनते सुनते सुनते सुनते जैसे चश्मा का पानी चला, शुद्ध चला, फिर मिटटी, इधर उधर के बस्तुयें, धातुएं मिलती गयी पानी के साथ,वैसे ही सुना हुआ जो श्रुति हैं वो श्रुति में तो और भी मिल गया होगा फिर | घाट वाले बाबाजी : और नहीं मिलता उसमें | उसमें मिलता नहीं, वो ज्यों का त्यों रहता है | मिल जायेगा तो वो तो विकारी हो गया। Previous Article पूज्य श्री - घाटवाले बाबा प्रश्नोत्तरी भाग २ Next Article “देखिये, सुनिए, बुनीये मन माहि, मोह मूल परमार्थ नाही” | इसका मतलब बताइए आप पूज्य श्री - घाटवाले बाबा प्रश्नोत्तरी ४ Print 3825 Rate this article: 2.5 Please login or register to post comments.